Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय सुहागन

करवाचौथ केवल व्रत या पत्नी संक्लप

 करवाचौथ व्रत प्राचीन प्रथा है-सति सावित्री से चल आया है।
प्राण हरे उस पति यम-अन्न जल त्याग निर्जला व्रत ध्याया है।।
दया आई यमराज को उसपे-कुछ मांगने को कोई वरदान कहा।
कई बच्चों की माता बनूं मैं-डाल धर्म संकट वरदान ये पाया है।।

तभी से प्रथा चली पति लम्बी आयु-सुहागिनें व्रत कर जाती हैं।
घर में रहे समृद्धि सुख शान्ति-प्रभु से कृपा आशीष ये पाती हैं।।
फौजियों की पत्नियां व्रत श्रद्धा से रख-सुख कामना पति मनाती हैं।
पति पत्नी प्यार प्रतीक व्रत-आपसी रिश्तों में मिठास भर आती है।।

सभी सुहागिन सदा रहेऺ सूहागिन-जीवन भर सुहाग वरद हाथ रहे।
तारों की छांव संक्लप शुरु होता-सुख छाऺव जीवन भर साथ रहे।।
चांद की शीतलता में होता पूजन-ग्रहस्थी मेऺ शीतलता भरपूर रहे।
जिस श्रद्धा भाव रखा पूजा जाता व्रत ये-प्रभु से उसकी लाज रहे।।

*सभी सुहागिनों व उनके सुहागो को करवा चौथ की बधाई व शुभ का

सुनीता गुप्ता "सरिता"कानपुर 

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10 Comments

Pratikhya Priyadarshini

18-Oct-2022 01:24 AM

Achha likha hai 💐

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Suryansh

16-Oct-2022 07:12 PM

बहुत ही उम्दा

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बहुत ही सुंदर और भावनात्मक अभिव्यक्ति

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